लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में नजर आ रहे हैं। उन्होंने बड़ा कदम उठाते हुए कुल 49 सरकारी विभागों को खत्म करने का फरमान जारी कर दिया है। इसके साथ ही योगी ने सरकारी विभागों की पुनर्गठित फाइल को मंजूरी देने के लिए भी हामी भर दी है। सरकार से मिली जानकारी के अनुसार जो विभाग एक दूसरे मिलते जुलते होगे वह एक जगह मर्ज हो जायेगे।
योगी ने ऐसा इसलिए किया है कि नीति आयोग ने सरकार को सुझाव दिया था कि एक समान कार्यपद्धति वाले विभागों के एकीकरण किया जाये। इसके बाद सरकार इस पर गम्भीरता से लेते हुए इसके लिए कमेटी का गठन किया था। इसके बाद कमेटी की सिफारिश को लागू किया जा रहा है। आईएएस संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्तुति को मान लिया है। इसके अनुसार लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल और परती भूमि विकास को मिलाकर एक करना। पशुधन, मत्स्य व दुग्ध विकास का विलय।
ग्राम्य विकास, समग्र ग्राम्य विकास, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा तथा पंचायती राज का विलय। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग तथा निर्यात प्रोत्साहन, खादी एवं ग्रामोद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग को एक साथ किया जाना।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, निजी पूंजी निवेश, एनआरआई तथा मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग का विलय। आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का एक किया जाना। राज्य संपत्ति, नागरिक उड्डयन और प्रोटोकॉल का विलय।
नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन तथा आवास एवं शहरी नियोजन का एकीकरण। व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा तथा सेवायोजन का विलय। हालांकि कुछ विभागों से कोई छेड़छाड़ नहीं करने का फैसला सरकार ने किया है। कुल मिलाकर देखा जाये तो योगी लगातार हर दिन कुछ कड़े कदम उठा रहे हैं।
योगी ने ऐसा इसलिए किया है कि नीति आयोग ने सरकार को सुझाव दिया था कि एक समान कार्यपद्धति वाले विभागों के एकीकरण किया जाये। इसके बाद सरकार इस पर गम्भीरता से लेते हुए इसके लिए कमेटी का गठन किया था। इसके बाद कमेटी की सिफारिश को लागू किया जा रहा है। आईएएस संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्तुति को मान लिया है। इसके अनुसार लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल और परती भूमि विकास को मिलाकर एक करना। पशुधन, मत्स्य व दुग्ध विकास का विलय।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, निजी पूंजी निवेश, एनआरआई तथा मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग का विलय। आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का एक किया जाना। राज्य संपत्ति, नागरिक उड्डयन और प्रोटोकॉल का विलय।
नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन तथा आवास एवं शहरी नियोजन का एकीकरण। व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा तथा सेवायोजन का विलय। हालांकि कुछ विभागों से कोई छेड़छाड़ नहीं करने का फैसला सरकार ने किया है। कुल मिलाकर देखा जाये तो योगी लगातार हर दिन कुछ कड़े कदम उठा रहे हैं।