मोदी सरकार बदलेगी 50 साल पुराना कानून : नौकरीपेशा लोगों को होगा ये बड़ा फायदा



प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नई सरकार देश के नौकरीपेशा करोड़ों लोगों को सीधा लाभ देने जा रही है। इतना ही नहीं, यह लाभ देने के लिये मोदी सरकार-2 एक 50 साल पुराने कानून में बदलाव भी करने जा रही है। नई मोदी सरकार 1 जुलाई को अपना पहला सामान्य पूर्ण बजट पेश करेगी। इसमें देश के करोड़ों लोगों के लिये कई प्रकार की महत्वपूर्ण घोषणाएँ किये जाने की उम्मीद है।

दो साल से प्रत्यक्ष कर कानून में बदलाव कर रही सरकार,
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 50 साल पुराने वर्तमान प्रत्यक्ष कर कानून (डायरेक्ट टैक्स लॉ) को बदलने के लिये पिछले दो साल से तैयारी कर रही है। लगभग दो साल पहले मोदी सरकार ने इसके लिये नवंबर-2017 में एक समिति का गठन किया था और इस समिति को इस कानून में महत्वपूर्ण बदलाव करने वाला मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके बाद पिछली 26 मई को सरकार ने इस समिति का समय और दो महीने बढ़ा दिया है। इसके अनुसार यह समिति आगामी जुलाई महीने के अंत तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है।

कानून में बदलाव से घटेगा टैक्स और बढ़ेंगे करदाता

इससे पहले 1 जुलाई को मोदी सरकार नये कार्यकाल का पहला पूर्ण सामान्य बजट पेश करेगी। ऐसे में यह आशा की जा रही है कि बजट पेश हो जाने के बाद नया प्रत्यक्ष कर कानून लागू होगा। एक अधिकारी ने इस कानून को लेकर संकेत दिये हैं कि प्रत्यक्ष कर कानून में बदलाव किये जाने के बाद नये प्रत्यक्ष कर कानून में देश के करोड़ों ऐसे लोग जो नौकरीपेशा हैं, उनके कंधों पर टैक्स का भार कम किया जा सकता है। इससे करोड़ों नौकरीपेशा लोगों को तो लाभ होगा ही, साथ ही करदाताओं की संख्या भी बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा सरकार इस बदलाव से रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को भी सरल बनाएगी। इससे भी करोड़ों लोगों को फायदा होगा। अधिकारी के अनुसार नये प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा यदि बजट से पहले लागू किया जाता है तो इससे लोगों में अनावश्यक अपेक्षाएँ पैदा हो जातीं। इसलिये अभी मसौदे को रोककर बजट पर काम किया जा रहा है।

इस समिति ने तैयार किया कानून में बदलाव का मसौदा

नये कानून का मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष सीबीडीटी के सदस्य अखिलेश रंजन हैं। जबकि समिति के सदस्यों में गिरीश आहूजा (चार्टर्ड अकाउंटेंट), राजीव मेमानी (ईवाई इंडिया के चेयरमैन तथा रीजनल मैनेजिंग पार्टनर), मुकेश पटेल (प्रैक्टिसिंग टैक्स एडवोकेट), मानसी केड़िया (कंसल्टेंट आईसीआरआईईआर) और जी. सी. श्रीवास्तव (सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी व अधिवक्ता) शामिल हैं।

तीसरी बार हो रहा कानून में बदलाव का प्रयास

अधिकारी के अनुसार प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा दोबारा तैयार करने का यह तीसरा प्रयास है। यदि इस नये कानून में विभिन्न न्यायाधिकार सम्बंधी अदालतों के निर्धारित कानून को शामिल किया जाता है तो यह पूर्ण कानून होगा। इससे मुकदमों में कमी आएगी। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने भी प्रत्यक्ष कर कोड लाकर इस कानून में बदलाव करने का प्रयास किया था, परंतु वह संशोधन लागू नहीं हो पाया था।

मोदी सरकार के बजट से हैं लोगों को काफी उम्मीदें

यदि मोदी सरकार के बजट की बात की जाए तो इससे लोगों को काफी उम्मीदें हैं और लोगों का मानना है कि मतदाताओं ने जिस उदारता से भाजपा और उसके सहयोगी एनडीए के घटक दलों को झोली भर-भरकर वोट दिये हैं, उससे पीएम मोदी काफी अभिभूत हैं और वो भी देशवासियों को खास सौगात दे सकते हैं। विशेषकर मोदी सरकार से इनकम टैक्स, हाउसिंग स्कीम में विस्तार, पेंशन स्कीम, आधार सम्बंधी संशोधन, डिजिटल पेमेंट और टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन जैसी महत्वपूर्ण स्कीमों में लोगों के लिये लाभदायी घोषणाएँ की जा सकती हैं।