OMG! जमीन के 100 फीट नीचे बह रही हैं नहरें, जिसमें छिपे है कई रहस्य, नहीं मालूम तो जान लो

ये दुनिया अजीबोगरीब चीजों से भरी है। 21वीं सदी में कई ऐसे रहस्य आज भी उजागर हैं जिसके बारे में अबतक वैज्ञानिक रिसर्च में लगे हैं। आज हमारी इस स्टोरी में हम ऐसी जगह के बारे में जिक्र करेंगे जो अपनेआप में दिलचस्प है। ईरान के रेगिस्तान में ऐसी कई जगह हैं, जहां जमीन से 100 फीट नीचे पानी की नहरें बहती हैं। आपको यह सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लग रहा होगा, लेकिन यह बात बिलकुल सच है।

बात दें, जिस जगह जमीन से 100 फीट नीचे पानी की नहरें बहती हैं, उसे वहां स्थानीय स्तर पर कनात (चैनल) कहा जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुरातत्व विभाग के अफसर भी इन नहरों को देखकर आश्चर्यचकित रह जाते हैं. कई वर्षों तक तो यह भी पता नहीं चला कि इस पानी का स्रोत कहां पर है, लेकिन गहराई से अध्ययन करने के बाद पता चला कि दूर पहाड़ों की रिवर वैली से ये नहरें निकली हैं, जो जमीन के अंदर स्वच्छ पानी का बड़ा स्रोत बन गई हैं। सैकड़ों गांव इस पानी पर निर्भर हैं।


रिपोर्ट के अनुसार रेगिस्तान में जमीन से 100 फीट नीचे मौजूद ये नहरें 3,000 वर्ष पुरानी हैं। कहा जाता है कि इन्हें लौह युग में बनाया गया होगा, लेकिन आज इन्हें इंजीनियरिंग का चमत्कार माना जाता है। जलस्रोत से लंबी नहरे खोदना, उनमें ढाल इस तरह रखना कि पानी बहता भी रहे, लेकिन इतनी तेजी से भी न बहे कि नहरों को नुकसान पहुंचाए, यह सब प्राचीन इंजीनियरिंग का कमाल ही है।

इन कनात की देखरेख करने वालों को मिराब कहा जाता है। 102 साल के गुलामरेजा नबीपुर कुछ आखिरी मिराबों में हैं। उन्हें ईरान सरकार ने नेशनल लिविंग ट्रेजर का दर्जा दे रखा है।

इन कनातों को सालाना मेंटनेंस की जरूरत होती है। पहले यह काम जनभागीदारी से होता था। लेकिन 1960 और 70 के दशक से लोगों की इस काम में रुचि कम होने लगी। वे पहले की तरह कनात पर निर्भर नहीं थे।