नई दिल्लीः शहरी गरीबों को आवास देने के उद्देश्य से चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी (पीएमएवाईयू) की केंद्रीय स्वीकृति सह निगरानी समिति (सीएसएमसी) की शुक्रवार को बैठक हुई। हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 10 राज्यों में इस योजना के तहत 2.5 लाख से ज्यादा और घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई। इसके साथ इस योजना में अब तक 83.62 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी मिल चुका है।
उत्तर प्रदेश को मिले सबसे ज्यादा घर
2.5 लाख नए घरों में से उत्तर प्रदेश को 1.38 लाख नए घर बनाने की मंजूरी मिली है। इन 2.5 लाख घरों के निर्माण पर करीब 11,373 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसमें से 3766 करोड़ रुपए का योगदान केंद्र सरकार करेगी। उत्तर प्रदेश 12.96 लाख घरों के साथ इस योजना में टॉप लाभार्थी राज्य बन गया है। इसके बाद 12.48 लाख घरों के साथ आंध्र प्रदेश और 9.86 लाख घरों के साथ महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर है। सीएसएमसी की ओर से आयोजित इस बैठक में असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मेघालय, नागालैंड, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्य में योजना की प्रगति समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
अब तक 83.62 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत अबतक पूरे देश में 83.62 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी मिल चुकी है। पीएमएवाईयू की वेबसाइट पर उपलब्ध डाटा के अनुसार, इसमें से 47.58 लाख घर धरातल पर आ गए हैं, जबकि 26.08 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। 23.97 लाख घरों का कब्जा दिया जा चुका है। इस योजना के लिए केंद्र सरकार अब तक अपनी हिस्सेदारी के रूप में 51,113 करोड़ रुपए का योगदान दे चुकी है।