मणिपुर हिंसा केस क्या है, न्यूज़, मामला, (Manipur Case News in Hindi)

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मणिपुर  हिंसा केस क्या है, न्यूज़, मामला, (Manipur Case News in Hindi)


मणिपुर राज्य में पिछले ढाई महीने से काफी भयंकर हिंसा हो रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर मणिपुर राज्य का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें लोगों की भीड़ 2 महिलाओं को नंगा करके घुमा रही है और उन्हें यहां वहां टच कर रही है। इस वायरल वीडियो को देखने के पश्चात देश के लोगों में काफी गुस्सा है और देश के लोग एक साथ ऐसा कृत्य करने वाले लोगों को पकड़ कर उन्हें उनके गुनाहों की सजा देने की बात कह रहे हैं। वायरल वीडियो के चलते PM मोदी ने इस घटना की निंदा की है। इसके अलावा देश के बहुत से नेताओं और अभिनेताओं ने भी वीडियो की निंदा की। आइए इस आर्टिकल में आपको जानकारी देते हैं कि आखिर मणिपुर केस क्या है और क्यों मणिपुर में हिंसा हो रही है तथा वायरल वीडियो में दिखाई दे रही दोनों महिलाएं कौन से समुदाय की है।

मणिपुर में हिंसा भड़कने का कारण (Reason For Manipur Violence ):


आपको यहां पर यह भी जानना चाहिए कि हमारे भारतीय संविधान के आर्टिकल 371 C के अंतर्गत मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में रहने वाली जनजातियों को स्पेशल दर्जा और सर्विस प्रदान की जाती है। यह स्पेशल दर्जा और सुविधाएं "मैंतई समुदायों" को नहीं मिल पा रही हैं। इसके अलावा मणिपुर में लैंड रिफॉर्म एक्ट भी लागू है| जिसकी वजह से मैतई समुदाय के लोग पहाड़ी इलाकों में जमीन की खरीदारी नहीं कर सकते हैं| ना ही जाकर वहां पर बस सकते हैं| लेकिन जनजाति समुदाय के लोग पहाड़ी इलाके से घाटी वाले इलाके में आ सकते हैं और यहां पर जमीन की खरीदारी कर सकते हैं। यही वजह है कि दोनों समुदायों में काफी लंबे समय से मनमुटाव चल रहा है।

मणिपुर में कौन-कौन से समुदाय के लोग रहते हैं:


मणिपुर में पहाड़ी इलाका काफी अधिक है। इसकी जो राजधानी इंफाल है, वह पूरे प्रदेश का तकरीबन 10 पर्सेंट हिस्सा है जिसमें मणिपुर राज्य की 57% की आबादी निवास करती है, और बाकी की 43% आबादी पहाड़ी इलाकों में निवास करती है। अब यह जो इंफाल घाटी वाला इलाका है वहां पर मैंतई समुदाय की ज्यादा आबादी है जो कि हिंदू धर्म को मानते हैं और जानकारी के अनुसार मणिपुर की टोटल आबादी में इनकी हिस्सेदारी 53% है। मणिपुर के तकरीबन 60 विधायक में से 40 विधायक मैंतई समुदाय से ही आते हैं। मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में तकरीबन 33 मान्यता प्राप्त जनजाति निवास करती हैं, जिनमें प्रमुख जनजाति के तौर पर नागा और कुकी जनजाति का नाम लिया जाता है, जो कि ईसाई मजहब को मानती है। इसके अलावा मणिपुर राज्य में 8 परसेंट आबादी मुसलमानों की और 8 परसेंट आबादी सनमही समुदायों की है।

मणिपुर में हिंसा की शुरुआत कब और कैसे हुई (Manipur Violence Start):


अभी मणिपुर राज्य में जो टेंशन चल रहा है, उसकी शुरुआत मणिपुर के चुराचंदपुर जिले से हुई। यह जिला मणिपुर की इंफाल राजधानी से तकरीबन 63 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है। इस जिले में कुकी आदिवासी बड़े पैमाने पर निवास करते हैं। बताना चाहते हैं कि गवर्नमेंट के लैंड सर्वे का विरोध करने के लिए साल 2023 में 28 अप्रैल के दिन दा इंडीजीनस ट्राईबल लीडर फोरम ने इसी जिले में बंद का ऐलान किया था जो कि 8 घंटे का था। परंतु 28 अप्रैल के दिन बंद के दरमियान बड़े पैमाने पर हिंसा शुरू हो गई। 28 अप्रैल की रात को ही तुइबोंग एरिया में हिंसक भीड़ के द्वारा वन डिपार्टमेंट के ऑफिस के अंदर तोड़फोड़ की गई और उसमें आग लगा दी गई। 28 अप्रैल के 5 दिन के पश्चात ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ऑफ मणिपुर के द्वारा आदिवासी एकता मार्च के नाम से एक यात्रा निकाली गई। इसका मुख्य उद्देश्य था मैतई समुदाय को शेड्यूल कास्ट का जो दर्जा दिया जा रहा है उसका विरोध करना। यहां से पहले के मुकाबले में कंडीशन और भी ज्यादा खराब हो गई। आदिवासियों की इस यात्रा के विरोध में अब मैतई हिंदू समुदाय खड़ा हो गया।

इस प्रकार से अब लड़ाई 3 समुदायों के बीच हो गई जिसमें एक तरफ मैतई हिंदू समुदाय है तो दूसरी तरफ कुकी और नागा क्रिश्चियन समुदाय है। बताना चाहते हैं कि साल 2023 में ही 4 मई के दिन मुख्यमंत्री वीरेंद्र सिंह की रैली भी होने वाली थी। परंतु रात में ही भीड़ के द्वारा रैली के स्थल पर तोड़फोड़ करके रैली के लिए लगाए गए सामान में आग लगा दी गई जिसकी वजह से कार्यक्रम नहीं हो पाया। जानकारी के अनुसार अभी तक 150 से भी अधिक लोगों की मृत्यु इस हिंसा में हो चुकी है और 3000 से भी अधिक लोग घायल हो चुके हैं। हालांकि यह आधिकारिक आंकड़ा नहीं है।

मैतेई समुदाय की मांग एवं विरोध


मैतई समुदाय के द्वारा हिंदू धर्म को माना जाता है। इनकी संस्था के द्वारा पिछले काफी सालों से इस समुदाय को आदिवासी का दर्जा देने की मांग की जा रही है, और इसके लिए समुदाय के प्रमुख लोगों के द्वारा मणिपुर हाई कोर्ट में केस भी दायर किया गया था| जिस पर मणिपुर हाई कोर्ट के द्वारा राज्य सरकार को 19 अप्रैल को 10 साल पुरानी केंद्रीय जनजाति मामले के मंत्रालय की सिफारिश को प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। यह जो सिफारिश है इसमें मैतई समुदाय को जनजाति में शामिल करने के लिए कहा गया था अर्थात मणिपुर कोर्ट के द्वारा मैतई समुदायों को आदिवासी समुदाय में शामिल करने का आदेश दिया गया था परंतु मणिपुर हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई है| जिसकी सुनवाई चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़, जस्टिस पी और जस्टिस जेबीट वाला की बेंच करेगी।

मणिपुर वायरल वीडियो (Manipur Viral Video):


अलग-अलग समाचार वेबसाइट के अनुसार वर्तमान के समय में मणिपुर का जो वीडियो वायरल हो रहा है| उसमें जो महिला दिखाई दे रही है, वह कूकी समुदाय की महिलाएं हैं। यह वीडियो 4 मई 2023 के दिन बनाया गया था| ऐसा कहा जा रहा है, यह वह समय था, जब मणिपुर राज्य में हिंसा धीरे-धीरे भड़क रही थी।

मणिपुर हिंसा के आरोपी (Manipur Violence Accused):


वीडियो में दिखाई दे रही कूकी समुदाय की महिलाओं को नंगा करके घुमाने का आरोप मैतई समुदाय के लोगों पर लगा हुआ है। पुलिस के द्वारा वायरल वीडियो के आधार पर अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म, हत्या जैसा मामला अज्ञात लोगों के खिलाफ थौबल जिले के नोंगपोक सेक्माई पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है।

मणिपुर हिंसा की ताज़ा खबर ( Latest News in Manipur Violence):


दूसरी तरफ मणिपुर के वर्तमान मुख्यमंत्री श्रीमान वीरेंद्र सिंह के द्वारा भी इस मामले की जांच सही प्रकार से हो सके इसके लिए एक स्पेशल टीम को बना दिया गया है, साथ ही साथ भारत के सेंट्रल गवर्नमेंट के द्वारा भी मणिपुर सरकार से इस मुद्दे पर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

मणिपुर हिंसा का मुख्य आरोपी गिरफ्तार (Manipur Violence Main Accused Arrested):


वायरल हो रहे वीडियो के आधार पर मणिपुर पुलिस के द्वारा इस घटना के मुख्य आरोपी चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसमें मुख्य आरोपी का नाम हेरादास बताया जा रहा है जिसकी गिरफ्तारी पुलिस के द्वारा मणिपुर के थॉउबल जिले से की गई है। वही प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मुख्य आरोपी के घर को भी गुस्साई भीड़ ने जला दिया है। जल्द ही इस कांड में शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी भी पुलिस के द्वारा कर ली जाएगी, ऐसा पुलिस ने आश्वासन दिया है।